Friday, June 17, 2016

तुम्हारा साथ


तुम्हारा साथ

आज के इस खास दिन कुछ कहना चाहती हू तुमसे
क्योंकि इसी दिन हम जुड़ गये थे दिल से

पहेली नज़र मे ही लगा था की तुमही हो मेरे साथी
और आज मै यही कहूँगी की तुमही हो मेरे महारथी

लगता नही की इतने दीनो से हम साथ है
क्योंकी आज भी तुममे वही पहेली वाली महेक है

तुम्हे अंदाज़ा भी नही की हम तुमपे कितना मरते है
ज़रूरत पड़े तो तुमपे जान छिड़कने के लिए भी तयार है

जी करता है की हरपल  तुम्हारे साथ रहू
और दुनिया के सारे सुख तुमपे निछावर करु

मूज़े तुमसे कुछ भी शीकायत नही
क्योंकि ऐसा कुछ भी नही जो तुमने मुझे दिया नही

 अब जिंदगी मे मुझे और कुछ नई चाहिए
 बस यूँही हर पल मेरे साथ रहिए

                             कविता लिहिलेला दिनांक - २९-०१-२०१६
                                                        [एका मैत्रीणीसाथी तिच्यालग्नाच्या वाढदिवसाला म्हनून लिहुन   दिलेली ]

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